विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ
भारत में विज्ञान की परंपरा सदियों से मौजूद रही है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई से मिले साक्ष्य इसके गवाह हैं, जो यह बताते हैं कि प्राचीन काल में भी लोगों में विज्ञान की समझ थी। भारत की प्राचीन विज्ञान की सबसे बड़ी उपलब्धियों में महर्षि सुश्रुत द्वारा शल्य चिकित्सा की खोज है, जिसे आज पूरी दुनिया ‘फादर ऑफ सर्जरी’ के रूप में मान्यता देती है। वहीं, रसायन विज्ञान का जनक नागार्जुन माने जाते हैं। विज्ञान और मनुष्य का विकास समान रूप से हुआ है, जैसा कि वेबर ने कहा था – “दर्शन के बिना विज्ञान वैसे ही है जैसे बिना एकता के कोई संगठन।”
भारत की प्राचीन सभ्यताओं जैसे सिंधु घाटी में धातु विज्ञान, वस्त्र निर्माण, भवन निर्माण और परिवहन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास हुआ था। भारत की विज्ञान में प्राप्त उपलब्धियों का इतिहास चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण तक फैला है, और इस कारण से भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 में 40वें स्थान पर है। अमेरिका के ‘नेशनल साइंस फाउंडेशन’ के रिपोर्ट अनुसार, भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है।
विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
रक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
आधुनिक दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश वह है जिसने अपनी रक्षा को मजबूत किया है। स्वीडन स्थित ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के अनुसार भारत भी उन नौ देशों में शामिल है, जिनके पास परमाणु हथियार हैं। भारत की सैन्य शक्ति को देखते हुए, वह अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है। भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है, जिसमें राफेल, तेजस, सुखोई, मिग-29, मिग-21 जैसे अत्याधुनिक विमान शामिल हैं। थल सेना की बात करें तो भारत चौथे स्थान पर है और नौसेना दक्षिण एशिया में सबसे शक्तिशाली है। भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है और भविष्य के किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
चिकित्सा के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
भारत ने प्राचीन काल से चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहाँ शल्य चिकित्सा वैज्ञानिक पद्धतियों से की जाती थी, और मस्तिष्क के इलाज के साथ शारीरिक इलाज की पद्धति भी विकसित की गई थी। पेल्टो के अनुसार, बिना मस्तिष्क के इलाज के शारीरिक इलाज संभव नहीं हो सकता। भारत ने गंभीर बीमारियों जैसे चेचक, पोलियो, कैंसर, और येलो फीवर का उन्मूलन किया है। कोरोना महामारी के समय में, भारतीय चिकित्सकों ने वैश्विक स्तर पर नेतृत्व प्रदान किया और भारत का मेडिकल टूरिज़्म सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, जहाँ इलाज की लागत अन्य देशों की तुलना में 65-90% सस्ती है।
सूचना और संचार के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
21वीं सदी को सूचनाओं का युग माना जा रहा है। भारत ने संचार के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जैसे ऑप्टिकल फाइबर, वाई-फाई, 5G, सुपर कंप्यूटर और क्वांटम कंप्यूटिंग। भारत का आईटी सेक्टर दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है। ई-प्रशासन, डिजिटल इकोनॉमी, और मौसम पूर्वानुमान में भारत दुनिया में अग्रणी है। सूचना और संचार के विकास ने सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाया है और यह रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कृषि के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
भारत कृषि प्रधान देश है, और यहाँ के कृषि वैज्ञानिकों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हो चुका है और साथ ही अनाज निर्यातक देशों में एक प्रमुख स्थान रखता है। भारत विश्व में दूध उत्पादन में प्रथम, दाल खेती में प्रथम और कपास के संकर किस्मों के विकास में अग्रणी है। विज्ञान ने जैविक खेती और उर्वरक उपयोग में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और कृषि क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर सृजित किए हैं।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियाँ:
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। भारत एशिया का पहला देश है जिसने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। भारत ने अब तक 70 देशों के उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। पीएसएलवी और जीएसएलवी जैसे सफल प्रक्षेपण यान के साथ भारत का उपग्रह प्रक्षेपण में चौथा स्थान है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाना और वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को सशक्त बनाना है।
निष्कर्ष:
आज के समय में देश को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रमुख मार्ग विज्ञान और प्रौद्योगिकी से होकर जाता है। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किसी भी राष्ट्र की तरक्की विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उसकी उपलब्धियों पर निर्भर करती है। जो राष्ट्र विज्ञान में उन्नति करेगा, उसकी अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत होगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, और आने वाले समय में यह और भी बढ़ेगा।