काजोल का नाम बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध खानदानों में से एक से जुड़ा हुआ है। उनकी मां तनूजा मुखर्जी और पिता शोमू मुखर्जी न केवल बड़े कलाकार हैं, बल्कि उनके दादी-दादी भी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने चेहरे रहे हैं।
हालांकि, काजोल ने कभी अपने नाम के साथ मुखर्जी सरनेम का इस्तेमाल नहीं किया। इसका कारण उन्होंने खुद खुलासा किया है। वह कहती हैं कि उन्होंने "काजोल" के नाम से ही खुद को स्थापित करने की कोशिश की, ताकि किसी तरह की परिवारिक विरासत का दबाव उन पर न हो।
काजोल ने बताया कि उनका मानना है कि अगर वह सिर्फ "काजोल" के नाम से पहचानी जाएं तो शायद वह अपने करियर और जिंदगी में ज्यादा सचाई और स्वतंत्रता महसूस कर सकती हैं। वह नहीं चाहती थीं कि उनके परिवार के नाम से कोई अतिरिक्त दबाव उन पर पड़े।
वह इसे अपने लिए एक आलसी लेकिन सच्ची स्थिति मानती हैं, क्योंकि किसी बड़े नाम से जुड़ने से ज्यादा अपना नाम और पहचान बनाना उनके लिए ज्यादा मायने रखता था।
काजोल का मानना है कि वह अपनी पहचान खुद बनाना चाहती थीं और इसलिए उन्होंने कभी भी अपने नाम के साथ "मुखर्जी" नहीं जोड़ा। इस फैसले से उन्हें न केवल पारिवारिक दबाव से मुक्ति मिली, बल्कि अपने काम और संघर्ष के जरिए वह खुद को साबित करने में भी सक्षम रहीं।