1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दीक्षाभूमि में श्रद्धांजलि अर्पित करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर के दीक्षाभूमि में डॉ. बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। दीक्षाभूमि वह ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ डॉ. आंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया था। इस अवसर पर मोदी ने आंबेडकर के योगदान की सराहना की और कहा कि उनका जीवन भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समृद्ध और समावेशी भारत बनाना ही आंबेडकर के विचारों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
2. RSS के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और संघ के योगदान पर मोदी का भाषण
दीक्षाभूमि पहुंचने से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर में डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और संघ के अन्य प्रमुख नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने कहा कि RSS ने भारतीय समाज के लिए एक मजबूत ढांचे का निर्माण किया है और यह समाज के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने संघ के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक स्थिर और समर्पित संगठन है जो देश के हित में काम कर रहा है।
3. RSS को ‘अक्षय वटवृक्ष’ के रूप में प्रस्तुत करना
प्रधानमंत्री मोदी ने RSS को भारत के लिए 'अक्षय वटवृक्ष' के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि RSS देश के लिए एक स्थिर और लंबी उम्र वाला संस्थान बन चुका है, जो भारतीय समाज के विकास और समृद्धि के लिए निरंतर योगदान दे रहा है। इस विचार ने RSS के महत्व को बढ़ाया और उसकी भूमिका को भारत के भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
4. मोदी का 'राष्ट्रहित सबसे पहले' का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ‘मैं नहीं, हम’ की भावना को मजबूत करते हुए राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए व्यक्तिगत और समूहगत हितों को त्याग कर राष्ट्र के भले के लिए काम करना चाहिए। मोदी ने यह भी कहा कि यह भावना हर भारतीय को अपने भीतर विकसित करनी चाहिए, ताकि हम एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकें।
इन प्रमुख बिंदुओं के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के राष्ट्रवाद, आंबेडकर के योगदान और RSS के महत्वपूर्ण योगदान पर अपने विचार साझा किए।