शुक्रवार (11 अप्रैल 2025) की नमाज़ के बाद मुर्शिदाबाद जिले के सूती इलाके में वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुआ।
हजारों लोग सड़क पर उतरे और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस जब तक हालात समझती, तब तक बवाल बढ़ चुका था।
शमशेरगंज के डाक बंगला मोड़ पर हालात बेकाबू हो गए।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, एक पुलिस चौकी को भी नुकसान पहुंचाया गया।
पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
धूलियान स्टेशन के पास रेलवे गेट, रिले रूम पर पथराव और तोड़फोड़ की गई।
रेलवे स्टाफ को जान बचाकर भागना पड़ा।
नेशनल हाइवे 12 को जाम कर दिया गया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
पुलिस वैन पर हमला किया गया, जिसमें कई जवान घायल हुए।
फोर्स को संभालने के लिए मालदा और बहरामपुर से अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी, तब जाकर हालात कुछ काबू में आए।
प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को रोककर उसमें आग लगा दी।
ड्राइवर को बुरी तरह पीटा गया। यह घटना लोगों में दहशत फैला गई।
शमशेरगंज में कुछ हिंदू परिवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें विशेष रूप से निशाना बनाया गया।
अमर भगत के घर में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की गई, उनकी पत्नी मंजू भगत ने बताया कि भीड़ ने घर का गेट तोड़कर हमला किया।
राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि:
संसद द्वारा पारित कानून सब पर लागू होता है।
हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार को तुरंत सख्त कदम उठाने को कहा गया।
हिंसा को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
इलाके में धारा 163 लगाई गई ताकि भीड़ को रोका जा सके, लेकिन फिर भी बवाल जारी रहा।