तहव्वुर राणा को भारत लाने की सारी तैयारी पूरी हो चुकी है।
दिल्ली की तिहाड़ जेल में उसकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं – जैसे CCTV निगरानी, इन-बिल्ट बाथरूम, और हाई-सिक्योरिटी सेल।
भारत पहुंचते ही उसे NIA द्वारा औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जाएगा।
अमेरिका में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, राणा को स्पेशल चार्टर्ड विमान से भारत लाया जा रहा है।
टीम का नेतृत्व NIA के आईजी आशीष बत्रा कर रहे हैं, जिसमें इंटेलिजेंस एजेंसियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है।
भारत पहुंचने के बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां NIA उसकी हिरासत मांगेगी।
तहव्वुर राणा पाकिस्तान में पला-बढ़ा और वहां की सेना की मेडिकल कोर में कार्यरत रहा।
जांच में सामने आया है कि उसका संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था।
अमेरिका में रहते हुए भी उसने इन संबंधों को बनाए रखा और हेडली के ज़रिए ISI से जुड़ा रहा।
राणा और हेडली ने मिलकर 26/11 मुंबई हमलों की योजना में सहयोग किया।
हेडली ने कई बार मुंबई का दौरा कर हमले के लिए ज़रूरी जानकारी जुटाई और राणा की इमीग्रेशन फर्म को कवर के तौर पर इस्तेमाल किया।
उन दोनों ने भारत में मौजूद टारगेट्स की रेकी की और लश्कर को सभी जानकारियाँ दीं।
भारत ने 2018 में राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी।
कई सालों तक कानूनी प्रक्रिया चली और 2024 में डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने राणा को भारत भेजने का निर्णय लिया।
राणा की याचिका अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई और अब वो भारत में मुकदमे का सामना करेगा।