डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के पीछे तीन प्रमुख चेहरे माने जाते हैं:
पीटर नैवारो – आर्थिक सलाहकार और चीन-विरोधी नीतियों के मुख्य रणनीतिकार।
स्कॉट बेसेंट – आर्थिक और वित्तीय नीतियों में गहरा अनुभव।
हावर्ड लुटनिक – इन्वेस्टमेंट बैंकर और ट्रंप के भरोसेमंद सहयोगी।
नैवारो को ट्रंप की टैरिफ रणनीति का "आर्किटेक्ट" माना जाता है।
उनका मानना है कि टैरिफ (आयात पर कर) लगाकर अमेरिका अपने व्यापार घाटे को कम कर सकता है।
वह चीन को अमेरिका की आर्थिक समस्याओं का मुख्य कारण मानते हैं।
ट्रंप प्रशासन ने 70 से ज्यादा देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ (आपसी कर छूट) से 90 दिन की राहत दी।
लेकिन चीन को इस छूट से बाहर रखा गया, जिससे चीन पर सीधा आर्थिक दबाव पड़ा।
यह कदम वैश्विक व्यापार में तनाव का कारण बना।
स्कॉट बेसेंट ने आर्थिक पॉलिसी और बाजार की रणनीतियों में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने टैरिफ के प्रभावों का आकलन कर ट्रंप को सलाह दी कि किन सेक्टर्स में टैक्स लगाने से अमेरिका को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
हावर्ड लुटनिक एक अनुभवी इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं।
उनकी फर्म "कैंटर फिट्जगेराल्ड" का व्यापारिक अनुभव ट्रंप प्रशासन को बड़े स्तर पर नीति बनाने में मदद करता रहा।
उन्होंने टैरिफ नीति को वित्तीय दृष्टि से मजबूत बनाने में भूमिका निभाई।